शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

युवा- १

ग्लैमर और फैशन का,
नकली- नकलची पैशन का,
जबरदस्त फ्यूजन है.
रिमिक्स है, थिरकन है
कान्वेंटी टकसालों के सिक्कों की
लोक-लुभावन खनखन है.
मस्ती ही मस्ती है
धूम पिचक धूम है.
गिलट पर चाँदी के मुलम्मे की
मनभावन चमचम है.


सूचना समुद्र में उतराते
खाली कनस्तर हैं.
 सुन्दर मढे ढोल हैं
यानी पोल ही पोल हैं.

-- सुमीता

मंगलवार, 21 सितंबर 2010

रुदन रस

रुदन रस 

रुदन,
हाहाकार,
चिल्ल पों,
चीख-पुकार...

जो जितनी जोर से चीख कर बताये
कितनी सही विपदा
वो उतना बड़ा महान.

-- सुमीता

अर्थ मंद समय

अर्थ मंद समय

दिमाग में चिटकती
चिंगारियों को 
माथे पर सजा
अपना ही लहू
गाल पर मल
दिखेगी तरुनाई की ललाई
काम पर चल मेरे भाई .

--सुमीता